A SIMPLE KEY FOR SIDH KUNJIKA UNVEILED

A Simple Key For sidh kunjika Unveiled

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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि

मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम् ।

अति गुह्यतरं देवि ! देवानामपि दुलर्भम्।।

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्

दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि

श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि

अगर किसी विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र कर रहे हैं तो हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर जितने पाठ एक दिन में कर सकते हैं उसका संकल्प लें.

श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ॥ ५ ॥

मां दुर्गा की पूजा-पाठ में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें. click here सुबह-शाम जब भी आप ये पाठ करें तो स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें और फिर इसे शुरू करें.

दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि

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